The best Side of Shodashi

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The murti, that is also found by devotees as ‘Maa Kali’ presides above the temple, and stands in its sanctum sanctorum.  Right here, she is worshipped in her incarnation as ‘Shoroshi’, a derivation of Shodashi.

रागद्वेषादिहन्त्रीं रविशशिनयनां राज्यदानप्रवीणाम् ।

सौवर्णे शैलश‍ृङ्गे सुरगणरचिते तत्त्वसोपानयुक्ते ।

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari ashtottarshatnam

पद्मरागनिभां वन्दे देवी त्रिपुरसुन्दरीम् ॥४॥

चक्रेऽन्तर्दश-कोणकेऽति-विमले नाम्ना च रक्षा-करे ।

सर्वज्ञादिभिरिनदु-कान्ति-धवला कालाभिरारक्षिते

देवस्नपन दक्षिण वेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

Celebrated with fervor for the duration of Lalita Jayanti, her devotees find her blessings for prosperity, wisdom, and liberation, finding solace in her different types and also the profound rituals linked to her worship.

Sati was reborn as Parvati into the mountain king Himavat and his wife. There was a rival of gods named Tarakasura who might be slain only by the son Shiva and Parvati.

श्रौतस्मार्तक्रियाणामविकलफलदा भालनेत्रस्य दाराः ।

The philosophical Proportions of Tripura Sundari lengthen beyond her Bodily characteristics. She signifies the transformative energy of elegance, which can lead the devotee with the darkness of ignorance to The sunshine of knowledge and enlightenment.

॥ ॐ क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं श्रीं ॥

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, more info पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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